Wednesday 12 October 2016

क्यों मरते हैं लोग, आत्महत्या क्यों , सही है या गलत ?

सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम..
जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग...!!



आज कुछ ऐसा ही आभास हो रहा  है के वो लोग कसे अपनी जिन्दगी को खत्म कर लेते है , ऐसा आखिर क्या हो जाता है ,उनके साथ ,., सब कुछ ठीक चल रहा है , फर क्या हुआ होगा ऐसा ,.

कहते है , अच्छे लोग  जल्दी ही भगवान् के पास चले जाते है .
ऐसा ही अनुभव मैं आप सभी के साथ बात रहा हूँ..

मैं जिस कंपनी मैं काम करता था वो बंद हो चुकी है , अब मे दूसरी कोई नौकरी की तलास मैं हूँ ,
जसे मैं आज एक ऑफिस मैं गया , वह सब कुछ ठीक था , बाद मैं मुझसे कहा गया के मुझे किसी और पोस्ट पर TRIAL के तोर पर रखेंगे.

अब मुझे मेरे काम से हटकर दूसरा काम , क्यों , मेरा वो काम सही नही था, या मैं वो काम सही से नही कर सकता   ,.

जसे सभी के घर वालो को उस से कुछ उम्मीद होती है. वसा ही मुझसे भी है .
मेरी माँ ने पूछा केसा गया interview , मने बोला हाँ  ठीक था.
माँ बोली जॉब मिल जायेगी , मने बोला  देखते हैं .


तो मुझे आज ये आभास हुआ के , क्या में सच में कुछ कर सकता हूँ , अभी तो शुरुआत  है .तो क्या बाद म कुछ कर सकता हूँ , मुझे आज लगा के इस से तो मर ही जाते है ., क्या करना अब .,.बेकार की जिंदगी से .

और शायद यही सब उनलोगों के मन मैं आता होगा ,,.,
और शायद यही कारण  है , उनकी आत्महत्या का ....

अब ये नही समझ आता की वो लोग जो मर जाते हैं , उन्हें लोग कायर क्यों कहते है , क्यों मरने के लिए भी दम चाहए ,पर सायद जीने के लिए उस से भी ज्यादा ..

फिर मैं यही कहूँगा के उन सभी लोगो अपनी इज्ज़त प्यारी होती है , इसलिए वो आत्महत्या कर लेते हैं.,

मेरा भी मन है , इस जिन्दगी को छोड़ने का , पर जब पीछे देखता हूँ , तो घर वाले, दिखाई देते है ..

उनके बारे मे सोच के रह जाता हूँ.,.,.









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