Tuesday 1 September 2015

आखिर कैसी हो ज़िन्दगी ? क्या है ये ज़िन्दगी ? ( life is what,and how is to be ???)

ज़िन्दगी केसी हो ??
आज हर व्यक्ति यही सोचता है के ज़िन्दगी (life ) कसी हो :-
सभी का अपना अपना मानना है ,सभी के अपने अपने तरीके है ज़िन्दगी जीने के ,
कुछ लोग कहते है ज़िन्दगी आज कल नदी के दो किनारे की तरह बन कर रह गयी है.



जी हाँ
नदी के दो किनारे
रहेंगे हमेशा आमने सामने
पर मिलेंगे कभी नही .|






पर जो भी है मेरा  तो यही मानना है के ज़िन्दगी एक नदी के दो किनारे की तरह नही , दो हाथो की तरह होनी चाहये,  जब जरुरत पड़े मिल लो,
और हमेशा साथ रहो.




अगर आप को हमेशा खुश रहना है अपनी ज़िन्दगी मैं तो  , अपनों के साथ मिल कर रहना चाहये.


क्यूंकि मज़ा सिर्फ सब के साथ आता है.

 Life is so precious don't waste it .Do whatever you want to do in your life.but do carefully , because no one will hurt by you.


so enjoy your life.

जियो और जीने दो .

जियो और जीवन दो.

धन्व्याद.






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